In English:-
"Tehi awasar suni shiv dhanu bhanga !
aayau bhrigukul kaml patanga !!"
In Hindi:-
“तेहि अवसर सुनि सिव धनु भंगा।
आयउ भृगुकुल कमल पतंगा॥”
भावार्थ:- यह चौपाई रामचरितमानस से शिव धनुष भंग होने व राम सीता के विवाह के संदर्भ में कही गयी है, जब भगवान राम के हाथ से शिव धनुष भंग होने पर भृगुकुल ऋषि परसुराम वहाँ अति क्रोध में आ गये व शिव धनुष भंग करने वाले को मृत्युदंड देने की बातें करने लगे तब भगवान राम ने उन्हें अपनी सरल वाणी व स्वाभाव से मुग्ध कर दिया ! इसका तात्पर्य यह है की इस चौपाई का निरंतर ध्यान करने वाले कभी भी किसी से वार्तालाप में हारते नही है और विचलित नही होते है !
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